उस सुख की इच्छा कभी न करो जो भगवान को भुलादे और उस दुःख का स्वागत करो,जो ईश्वर का स्मरण कराए good morning

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  उस सुख की इच्छा कभी न करो
  जो भगवान को भुलादे और उस
  दुःख का स्वागत करो,जो  ईश्वर
  का स्मरण कराए--
  
  सच्ची बात तो यह है कि  ईश्वर 
  को भुलाकर भोगों से कभी यह
  मनुष्य सुखी हो ही नहीं सकता।
  भोग तो दुःख ही पैदा करतें है।
  
  विषयों के साथ इंद्रियों का 
  संयोग होने पर उतपन्न होनेवाले
  ये जो भोग हैं वे निश्चय ही दुःख 
  के हेतु और आदि अंतवाले है, 
   बुद्धिमान पुरुष उनमें
  प्रीति नहीं करता। सारा दुःख इन
  भोगोंकी तृष्नामें ही है।अतएव
  शांतिपूर्वक विचार करें और भोग
  तृष्ना का नाश करके भगवान 
  का सिमरन करें।   ॐ शांति.                     🎍🎍🎍🎍🎍🎍🎍🎍🎍🎍🎍.

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